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MadhuraWrites

कृष्ण प्रेम

ना माया ना काया ,

सब से बड़ा हे उनका साया ,

बांसुरी मोर पंख चक्र जिनके हाथ ,

भक्त का कभी वो छोड़े ना साथ ।

सांवली सूरत मुख पे हंसी ,

राधा उनकी परम सखी ,

माखन खीर जिनका प्रिय आहार ,

पूरे संसार मे उनका संचार ।

सब के प्रिय सब के प्राण ,

जग में सब से सुन्दर उनका नाम ,

ना कोई मंदिर ना कोई धाम ,

मन में बसे हैं राधेश्याम ।

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