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कृष्ण प्रेम
- madhurawrites
- May 15, 2024
- 1 min read

ना माया ना काया ,
सब से बड़ा हे उनका साया ,
बांसुरी मोर पंख चक्र जिनके हाथ ,
भक्त का कभी वो छोड़े ना साथ ।
सांवली सूरत मुख पे हंसी ,
राधा उनकी परम सखी ,
माखन खीर जिनका प्रिय आहार ,
पूरे संसार मे उनका संचार ।
सब के प्रिय सब के प्राण ,
जग में सब से सुन्दर उनका नाम ,
ना कोई मंदिर ना कोई धाम ,
मन में बसे हैं राधेश्याम ।
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